
हम जानते हैं कि आंखें सम्पूर्ण सुख हैं। इस रंग बिरंगी दुनिया का अर्थ केवल हमारी स्वस्थ आँखों की वजह से है। आज बदलते परिदृश्य में, टी वी , कम्प्यूटर व मोबाइल जैसे स्क्रीन का उपयोग अत्यधिक बढ़ गया है। इसके अतिरिक्त हमारी अनियमित दिनचर्या, बढ़ते प्रदूषण तथा मानसिक तनाव की अधिकता हमारी आँखों पर बहुत ही बुरा प्रभाव डालती हैं।
कुछ लोगों को आंखों की समस्या बचपन मे ही हो सकती है। परंतु अधिकांश लोगों की उम्र बढ़ने के साथ आँखों की समस्याएं बढ़ने लगती हैं। आंखों का रेटिना (पर्दा) कमजोर होने लगता है। हमारी आंखों का पानी सूखने लगता है, जो आंखों में जलन, धुंधलापन, दूरदृष्टि दोष, आंखों में किरकिरी होना, सूर्य की तेज रोशनी से परेशानी होना आदि समस्याएं हो सकती हैं। यह सिरदर्द, गले व कंधे में दर्द, काम मे मन न लगना व पढ़ाई से बचने जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है।
डिजिशक्ति आयुर्वेदिक आई ड्रॉप आँखों की उपरोक्त सभी समस्याओं का पूर्ण निदान है। यह हमारी आँखों को पूर्णतः स्वस्थ रखती है। आंखों की रोशनी बढ़ाती है व चश्मे के नंबर को घटाती है। यह प्रदूषण व स्क्रीन के दुष्प्रभाव से आँखों की पूर्ण सुरक्षा करती है। इसका उपयोग स्वस्थ आंखों के लिए भी उत्तम है। यह बच्चे, बुजुर्ग व महिलाओं सभी के लिए उपयोगी है।
उपयोग: (1) डिजिशक्ति आयुर्वेदिक आई ड्रॉप्स की 1-2 ड्रॉप्स का उपयोग दिन में 2 या 3 बार अवश्य करना चाहिए।
(2) मायोपिया, हायपर मेट्रोपिया व प्रेसबायोपिया (निकट दृष्टिदोष, दूर दृष्टिदोष या दोनों), मोतियाबिंद, बैल्डिंग कार्य या स्टेरॉयड दवायों के सेवन से आंखों की रोशनी में कमी आदि की स्थिति में ड्रॉप्स का उपयोग दिन में 4 से 6 बार नियमित अंतराल पर आवश्यकतानुसार किया जाना चाहिए।
डिजिशक्ति आयुर्वेदिक आइ ड्रॉप पूर्ण रूप से प्राकृतिक व सुरक्षित है। इसमें किसी भी प्रकार के केमिकल का उपयोग नहीं किया गया है। इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है। इसके उपयोग के 5 मिनट के भीतर ही हमें लाभ मिलने लगता है। आंखों की किसी समस्या के निदान हेतु, 3 से 6 माह तक इसका नियमित उपयोग आवश्यक है।
सावधानी: (1) इसे ठंडे, शुष्क व सुरक्षित स्थान पर रखें। (2) ड्रापर को हांथ या किसी भी अन्य वस्तु से न छुएं। (3) आंखों में जख्म या संक्रमण की स्थिति में इसका उपयोग न करें। (4) यदि आँखों मे जलन बढ़ जाए या या बहुत देर तक रहे तो इसका प्रयोग रोक दें व डॉक्टर को दिखाएं।